Madhu varma

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लेखनी कविता - पेंटिंग - बालस्वरूप राही

पेंटिंग / बालस्वरूप राही


पप्पू चित्र बनाने बैठे भालू का,
लेकिन चित्र बन गया उनसे आलू का।
पोते इतने रंग हाथ, मुंह, पाँवों पर,
भालू बना न पाए, बने आप बंदर।

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